Please click here

INSTALL KULASYA APP

देखिए ध्यान से आतंकवादीयो से बरामद सामानों को क्या आतंकी ये सभी सामान बार्डर पार से लाये है..??
नहीं ये वही लोग इनको मुहैया कराये है जो 1990 में काश्मीरी हिन्दूओं को रात के समय मारते थे और दिन होते ही साथ खड़े होने का दिखावा दुनिया को करते थे ठीक वैसे ही जैसे पहलगाम में हुआ भ्रम में ना रहे किसी की ये कभी हमारे हो सकते हैं इन्हें टुरिज्जम का खतरा दिख रहा है और आर्मी का ग़ुस्सा इसी खौफ से हमारे साथ खड़े होने का नाटक कर रहे हैं फिर मौका मीलते ही अपना ये रंग दिखा देंगे इसी भ्रम में पाकिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू खत्म हुए
मैं पुनः दोहरा दूँ.... कश्मीरी पर्यटकों के मारे जाने से सिर्फ इसलिए गमजदा हैं क्योंकि अब उनकी रोजी रोटी छिन गई है... पर्यटकों पर पहली बार हमला हुआ है... और अब कश्मीर का पर्यटन उद्योग कम से कम तीन साल तक बर्बाद हो गया है... सिर्फ इस उद्योग को बचाने के लिए मोमबत्तियाँ जलाई जा रही हैं... दुख जताया जा रहा है... अगर इन्हें इंसानों के मरने का दुख होता तो जब जब कश्मीर में तीर्थ यात्री मारे गए.. उनके लिए कैंडल मार्च क्यों नहीं निकाला गया... कश्मीरी पंडितों को वापस लाने के लिए कैंडल मार्च क्यों नही निकाला जा रहा ? यहाँ सिर्फ रोजी रोटी का सवाल है... इंसानियत गई तेल लेने...!
#अगर सच में कश्मीरियों को इंसानियत की चिंता है तो तुरंत कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए धरना प्रदर्शन करें... कैंडल मार्च निकालें... इससे पर्यटकों का भरोसा भी बढ़ेगा.. और कश्मीर फिर से पर्यटकों से गुलजार होगा और पाकिस्तानी आतंकवाद को करारा जवाब भी मिलेगा....!
#याद रखिए.. कश्मीरियों के लिए पर्यटक ना हिंदू होता है ना मुसलमान.. वो सिर्फ उनकी रोजी रोटी का मुख्य साधन है.. इसलिए देवता तुल्य है... चूँकि कश्मीर में पर्यटकों पर पहली बार हमला हुआ है... पहली बार.. और कश्मीरी मुसलमान भी पहली बार हमले के विरोध में एक हुआ है.. पहली बार...! पर्यटकों के लिए अपनी जान दाँव पर लगाने वाले ...इंसानियत के लिए जान दाँव पर लगाने लगें.. तो कश्मीर फिर से स्वर्ग बन जाएगा... ना कि वहाँ हिंदू स्वर्गवासी...!
#pahalgamattack

image

हिन्दु और हिन्दू
अद्भुतकोष के अनुसार
"हिन्दु" और "हिन्दू" दोनों शब्द पुल्लिंग है ।
दुष्टों का दमन करने वाले "हिंदू" कहे जाते हैं। सुंदर रूप से सुशोभित और दुष्टों के दमन में दक्ष।
इन दोनों अर्थों में भी
इन शब्दों का प्रयोग होता है
हिंदु हिंदूश्च पुंसि दुष्टानां च विघर्षणे |
रूपशालिनि दैत्यारौ....||
[ अद्भुत कोष ]
हेमंतकवि कोष के अनुसार
हिंदू उसे कहा जाता है कि
जो परंपरा से नारायण आदि देवताओं का भक्त हो।
हिंदूर्हि नारायणादि देवताभक्ततः ||
मेरुतंत्र के अनुसार
जो हीनाचरण को निंद्य समझ कर उसका त्याग करें वह हिंदू कहलाता है।
हीनं च दूषयत्येव हिन्दुरित्युच्यते प्रिये ||
शब्दकल्पद्रुमकोश के अनुसार
हीनता से रहित साधु जाति विशेष हिंदू है।
हीनं दूषयति इति हिन्दू ||
पारिजातहरण नाटक के अनुसार
जो अपनी तपस्या से दैहिक पापों तथा चित्त को दूषित करने वाले दोषों का नाश करता है तथा जो शस्त्रों से अपने शत्रु समुदाय का भी नाश करता है वह हिंदू कहलाता है।
रामकोष के अनुसार
हिंदू दुर्जन नहीं होता न अनार्य होता है ना निंदक ही होता है।
जो सद्धर्म पालक विद्वान और श्रौतधर्म परायण है वह हिंदू है।
हिंदुर्दुष्टो न भवति नानार्यो न विदूषकः |
सद्धर्मपालको विद्वान् श्रौतधर्म परायणः ||
हिंदू शब्द के अर्थ
"सौम्य" "सुंदर" "सुशोभित" "शील निधि" "दमशील" और "दुष्टदलन में दक्ष"
अरबी कोष के अनुसार
हिंदू शब्द का अर्थ "खालिस" अर्थात "शुद्ध होता है"
ना कि चोर आदि मलिन निकृष्ट अर्थ।
यहूदियों के मत में
हिंदूका अर्थ शक्तिशाली वीर पुरुष होता है।
हिन्दु पद वाच्यों की
कतिपय मुख्य परिभाषाएं
********************
1: वेदादि शास्त्रों को मानने वाली जाति ही हिंदू जाति है।
जो श्रुति स्मृति पुराण इतिहास प्रतिपादित कर्मों के आधार पर अपनी लौकिक पारलौकिक उन्नति पर विश्वास रखता है वह हिंदू है।
अपने वर्णाश्रम धर्मानुकूल आचार विचार के द्वारा जीवन व्यतीत करने वाला और वेद शास्त्रों को अपना धर्म ग्रंथ मानने वाला ही हिंदू है।
श्रुतिस्मृत्यादिशास्त्रेषु प्रामाण्यबुद्ध्यावलंब्य श्रुत्यादिप्रोक्ते धर्मे विश्वासं-निष्ठां च यः करोति स एव वास्तव हिंदुपदवाच्यः ||
वेदशास्त्रोक्तधर्मेषु वेदाद्युक्ताधिकारिवान् |
आस्थावान् सुप्रतिष्ठिश्च सोऽयं हिंदुः प्रकीर्तितः ||
2: जो गोभक्ति संपन्न है।
वेद और प्रणवादि में जिसकी दृढ़ आस्था है तथा पुनर्जन्मों में जिसका विश्वास है वही वास्तव में हिंदू कहने योग्य है।
इस परिभाषा के अनुसार
"जैन" "बौद्ध" "सिक्ख" आदि हिंदू मान्य हैं।
गोषु भक्तिर्भवेद्यस्य प्रणवादौ दृढामतिः |
पुनर्जन्मनि विश्वासः स वै हिंदुरिति स्मृतः ||
3: श्रुति स्मृति पुराण के अनुसार
निरूपित समस्त दुर्गुणों का दोषोंका जो हनन करें वह हिंदू है।
श्रुत्यादि प्रोक्तानि सर्वाणि दूषणानि हिनस्तीति हिन्दुः ||
4: वृद्धस्मृति के अनुसार
हिंसा से दुखित होने वाला सदाचरण तत्पर वर्ण उचित आचरण संपन्न वेद गोवंश और देव प्रतिमा की सेवा करने वाला हिंदू कहलाने योग्य है।
हिंसया दूयते यश्च सदाचारतत्परः |
वेदगोप्रतिमासेवी स हिंदुमुखशब्दभाक् ||
5: आधुनिक सुधारक हिंदुओं के मत मे
हिंदू शब्द
विचार नवनीत ग्रंथ में RSS के गुरु माने जाने वाले गोलवलकर जी पृष्ठ 44 और 45 पर
हिंदू अपरिभाष्य है।
इस शीर्षक से आप कहते हैं कि
"जैसे सूर्य चंद्र की परिभाषा हो सकने पर भी चरम सत्य की परिभाषा नहीं हो सकती वैसे ही मुसलमान ईसाई की परिभाषा है पर हिंदू अपरिभाषित ही है"
इस बातका खंडन करते हुए
धर्मसम्राट स्वामी श्रीकरपात्रीजी महाराज विचार "पीयूष" नामक ग्रंथ में कहते हैं
जिन ग्रंथों को आप प्रमाण रूप में उपस्थित करते हैं उन्हीं ग्रंथों ने ईश्वर तक की परिभाषाएं बतलाई गई हैं।
सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्म |
विज्ञानमानन्दं ब्रह्म || आदि आदि
आश्चर्य है कि
जो हिंदुत्व के संबंध में
कुछ भी नहीं जानता
जो उसकी परिभाषा भी नहीं कर सकता
आज वहीं दुनिया के सामने बढ़-चढ़कर घमंड की बात करता है।
ऐसे संघ समूहों की संसार में कमी नहीं जो संसार में अपने को ही सर्वोत्कृष्ट मानते हैं।
"विचारपीयूष" ग्रंथ के
पृष्ठसं 336 से 348 तक
तथा पृष्ठसं5 से 50 तक
इसी विचारधारा को मानने वाले कुछ लोग कहते हैं कि
सिंधु से लेकर सिंधु पर्वतपर्यंत भारत भूमि को जो पितृभू और पुण्यभू मानता है वही हिंदू है।
किंतु उनकी यह परिभाषा अव्याप्ति अतिव्याप्ति दोषों से पूर्ण है।
इसके अनुसार
प्राचीन काल के वे हिंदू जो दूसरे द्वीपों में रहते थे हिंदू ही नहीं कहे जा सकते।
इसी विचारधारा के कुछ लोग कहते हैं कि
जो हिंदुस्तान में रहता है वह हिंदू है।
पर ऐसा नहीं है।
ऐसा मानने पर यहां विभिन्न धर्मों के रहने वाले लोग हिंदू कहे जाने लगेंगे।
जो कि उन्हें स्वयं स्वीकार नहीं है और हमारी उपर्युक्त परिभाषा ओं के अंतर्गत भी वे नहीं आते।
इसलिए यह विचार पूर्ण नहीं है।
सारगर्भित परिभाषा
जो वेदादिशास्त्रानुसार वेद शास्त्रोक्त धर्म में विश्वासवान् तथा स्थित है "वह हिंदू है"।
वेदादिशास्त्रों में वेदाध्ययन अग्निहोत्र बाजपेय राजसूय आदि कुछ धर्म ऐसे हैं जिनका अनुष्ठान जन्मना ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ही कर सकते हैं।
निषादस्थपति याग रथकारेष्टि जैसे कुछ कर्मों का शूद्र ही अनुष्ठान कर सकते हैं।
कुछ सत्य दया क्षमा अहिंसा ईश्वर भक्ति तत्वज्ञान आदि का अनुष्ठान मनुष्य मात्र कर सकते हैं।
किंतु वे सभी वेदादि शास्त्रों का प्रामाण्य मानने वाले तथा अपने अधिकार अनुसार वेदादि शास्त्रोक्त धर्म का अनुष्ठान करने वाले हिंदू हैं।
जन्मना ब्राह्मणआदि का भी सब कर्मों में अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण एवं वैश्य का राजसूय यज्ञ में अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण क्षत्रिय दोनों का वैश्यस्तोम याग में अधिकार नहीं है।
निषादस्थपतीष्टि में उक्त तीनों का अधिकार नहीं है।
विशेषतः हिंदू शास्त्र अनुसार जिनके पुनर्जन्म विश्वास दाएभाग विवाह अंत्येष्टि मृतक श्राद्धादि कर्म होते हैं
वे सभी हिंदू हैं।
गाय में जिसकी भक्ति हो
प्रणव आदि ईश्वर नामों में यथा अधिकार जिसकी निष्ठा हो
तथा पुनर्जन्म में जिसका विश्वास हो
वह हिंदू है।
लक्षणा वृत्ति से हिंदू शब्द के हिंदू देश यानी हिंदुस्तान और वहां के निवासी हिंदू दोनों अर्थ होते हैं।
हिमालयं समारभ्य यावदिन्दु सरोवरम् |
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते ||

"माता भूमि:, पुत्रो अहं पृथिव्या"
(अर्थात: "धरती मेरी माता है और मैं उसका पुत्र हूँ।"

विश्व पृथ्वी दिवस के पावन अवसर पर समस्त देशवासियों, प्रदेशवासियों व पिंडरा विधानसभा के नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं!

आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हमारी धरती माता को हरा-भरा, स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाएंगे। यही हमारा कर्तव्य है और यही आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित भविष्य देने का सबसे सुंदर तरीका है।

#earthday2025 #धरती_माता #gogreen #pindaravidhansabha #swachhbharat #environmentmatters #greenindia

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 07 अप्रैल 2025*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2082 गुजरात अनुसार 2081*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - वसंत ॠतु*
🌥️ *अमांत - 25 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌥️ *राष्ट्रीय तिथि - 17 चैत्र मास*
🌤️ *मास - चैत्र*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - दशमी रात्रि 080 तक तत्पश्चात एकादशी*
, *नक्षत्र - अश्लेशा पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *योग - धृति शाम 06:19 तक तत्पश्चात शूल*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 07:37 से सुबह 09:11 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 05:59*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:41*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- धर्मराज दशमी*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡️ *07 अप्रैल 2025 सोमवार को रात्रि 080 सै 08 अप्रैल, मंगलवार को रात्रि 09:12 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष - 08 अप्रैल, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें 👉🏻 .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...
🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞

🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏

image

#मेडिकल_किडनैपिंग क्या होती है

अभिनव वर्मा की माँ ,जो सिर्फ 50 बरस की थीं , पेट में दर्द उठा ,नज़दीक ही फोर्टिस अस्पताल बनेरघट्टा, बंगलौर है ! डा कनिराज ने माँ को देखा और अल्ट्रा साउंड कराने को कहा ! फोर्टिस में ही अल्ट्रा साउंड हुआ और डा कनिराज ने बताया कि गाल ब्लैडर में पथरी है ! एक छोटा सा ऑपरेशन होगा,माँ स्वस्थ हो जाएंगी ! अभिनव माँ को घर लेकर आ गए और पेन-किलर के उपयोग से दर्द खत्म भी हो गया !!

कुछ दिन बाद अभिनव वर्मा को फोर्टिस से फोन कर डा कनिराज ने हिदायत दी कि यूँ पथरी का गाल ब्लैडर में रहना खतरनाक होगा,अतः अभिनव को अपनी माँ का ऑपरेशन तुरंत करा लेना ज़रूरी है ! अभिनव जब अपनी माँ को फोर्टिस बंगलौर लेकर पहुचे तो एक दूसरे डॉक्टर मो शब्बीर अहमद ने अटेंड किया ,जो एंडोस्कोपी के एक्सपर्ट थे,उन्होंने बताया कि एहतियात के लिए ERCP करा ली जाय , डा अहमद को पैंक्रियास कैंसर का .05 % शक था ! अभिनव मजबूर थे, डॉक्टर भगवान होता है, झूठ तो नहीं बोलेगा, सो पैंक्रियास और गाल ब्लैडर की बायोप्सी की गई !! रिपोर्ट नेगेटिव आई मगर बॉयोप्सी और एंडोस्कोपी की प्रक्रिया के बाद माँ को भयंकर दर्द शुरू हो गया ! गाल ब्लैडर के ऑपरेशन को छोड़, माँ को पेट दर्द और इंटर्नल ब्लीडिंग के शक में ICU में पंहुचा दिया गया ! आगे पढ़ने के लिए धैर्य और मज़बूत दिल चाहिए !!

जब अभिनव की माँ अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो लिवर,हार्ट,किडनी और सारे ब्लड रिपोर्ट पूरी तरह नार्मल थे ! डॉक्टरों ने बताना शुरू किया कि अब लिवर अफेक्टेड हो गया है, फिर किडनी के लिए कह दिया गया कि डायलिसिस होगा ! एक दिन कहा अब बीपी बहुत 'लो' जा रहा है तो पेस मेकर लगाना पड़ेगा, पेस मेकर लग गया मगर हालात बद से बदतर हो गए ! पेट का दर्द भी बढ़ता जा रहा था और शरीर के अंग एक-एक कर साथ छोड़ रहे थे ! अब तक अभिनव की माँ को फोर्टिस ICU में एक माह से ऊपर हो चुका था !

एक दिन डॉक्टर ने कहा कि बॉडी में शरीर के ऑक्सीजन सप्लाई में कुछ गड़बड़ हो गई अतः ऑपरेशन करना होगा ! ऑपरेशन टेबल पर लिटाने के बाद डॉक्टर, ऑपरेशन थिएटर के बाहर निकल कर तुरंत कई लाख की रकम जमा कराने को कहता है और उसके बाद ही ऑपरेशन करने की बात करता है ! अभिनव तुरंत दौड़ता है और अपने रिश्तेदारों ,मित्रों के सामने गिड़गिड़ाता है,रकम उसी दिन इकट्ठी कर फोर्टिस में जमा कराई गई,पैसे जमा होने के बाद भी डॉक्टर ऑपरेशन कैंसिल कर देते हैं !

हालात क्यों बिगड़ रहे हैं, इंफेक्शन क्यों होते जा रहे थे, डॉक्टर अभिनव को कुछ नहीं बताते ! सिर्फ दवा, ड्रिप, खून की बोतलें और माँ की बेहोशी में अभिनव स्वयं आर्थिक और मॉनसिक रूप से टूट चुका था ! डॉक्टरों को जब अभिनव से पैसा जमा कराना होता था तब ही वह अभिनव से बात करते थे !

माँ बेहोशी में कराहती थी ! अभिनव माँ को देख कर रोता था कि इस माँ को कभी -कभी हलके पेट दर्द के अलावा कोई तकलीफ न थी ! उसकी हॅसमुख और खूबसूरत माँ को फोर्टिस की नज़र लग गई थी ! 50 दिन ICU में रहने के बाद दर्द में कराहते हुए मां ने दुनिया से विदा ले ली ! खर्चा-अस्पताल का बिल रु 43 लाख ,दवाइयों का बिल 12 लाख और 50 यूनिट खून ! अभिनव की माँ की देह को शवग्रह में रखवा दिया गया और अभिनव को शेष भुगतान जमा कराने के लिए कहा गया और शव के इर्द गिर्द बाउंसर्स लगा दिए गए ! अभिनव ने सिर्फ एक छोटी सी शर्त रखी कि मेरी माँ की सारी रिपोर्ट्स और माँ के शरीर की जांच एक स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम द्वारा कराइ जाए ! फोर्टिस ने बमुश्किल अनुमति दी !!!

रिपोर्ट आई ............... अभिनव वर्मा की माँ के गाल ब्लैडर में कभी कोई पथरी नहीं थी ..............!!

अपने आसपास ऐसे कही डॉक्टर्स और हॉस्पिटल है जो इस तरह की मेडिकल किडनैपिंग में लिप्त है कृपया सावधान रहे।

शबरी का अनोखा भक्ति-प्रसंग

सभी को रामायण में शबरी के जूठे बेर खिलाने की कथा तो पता है, पर क्या आप जानते हैं कि शबरी ने राम को एक गुप्त संदेश भी दिया था? जब राम शबरी के आश्रम पहुँचे, तो शबरी ने न केवल बेर खिलाए, बल्कि अपनी तपस्या से प्राप्त दिव्य दृष्टि से राम को बताया कि सुग्रीव की मित्रता और हनुमान का साथ ही उनकी विजय का मार्ग बनेगा। यह संदेश सुनकर राम मुस्कुराए, क्योंकि वे जानते थे कि शबरी का यह ज्ञान केवल भक्ति से नहीं, बल्कि वेदों के गहन अध्ययन से आया था। शबरी कोई साधारण भक्त नहीं, बल्कि एक तपस्विनी विदुषी थीं, जिन्हें राम ने सम्मान दिया। यह कथा हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति में ज्ञान और समर्पण का अद्भुत संगम होता है। हैरान हुए न? इसे शेयर करें और राम की महिमा फैलाएँ!

राम का रण-हुंकार

रण में खड़ा रघुवर वीर, तीर कमान संभाले,

रावण की सेना काँप उठी, जब प्रभु ने हुंकार लगाए।

चंडी-सा चेहरा, अग्नि-सी आँखें, काल बन आए राम,

धरती डोली, आकाश थर्राया, विजय बना उनका नाम।

#haapyshreeramnavami

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक - 06 अप्रैल 2025*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2082 गुजरात अनुसार 2081*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत - 24 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि - 16 चैत्र मास*
🌤️ *मास - चैत्र*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - नवमी शाम 07:22 तक तत्पश्चात दशमी*
🌤️ *नक्षत्र - पुष्य 07अप्रैल सुबह 06:25 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
🌤️ *योग - सुकर्मा शाम 06:55 तक तत्पश्चात धृति*
🌤️ *राहुकाल - शाम 051 से शाम 06:35 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 061*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:38*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- श्रीराम नवमी चैत्री-वासंती नवरात्र समाप्त,रविपुष्य योग (सूर्योदय से 07 अप्रैल सूर्योदय तक)*
💥 *विशेष- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.9*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं ।इससे वैभव व यश मिलता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*
*चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।*
👉🏻 समाप्त...
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *धर्मराज दशमी* 🌷
🙏🏻 *विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी .....जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता | ) यानी 07 अप्रैल 2025 सोमवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दे |*
🙏🏻 *एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है | आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–*
💥 *[ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले | ]*
🌷 *ॐ यमाय नम
🌷 *ॐ धर्मराजाय नम
🌷 *ॐ मृत्यवे नम
🌷 *ॐ अन्तकाय नम
🌷 *ॐ कालाय नम
🔥 *ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है |
हवन की राख, जिसे भस्म या विभूति भी कहा जाता है, के कई उपाय हैं जो धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि ला सकते हैं.
हवन की भस्म:
धन और समृद्धि के लिए:
हवन की भस्म को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन में वृद्धि होती है.
भस्म को घर के विभिन्न कोनों में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
भस्म को नहाने के पानी में मिलाकर नहाने से धन संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं.
नजरदोष से बचाव के लिए:
हवन की भस्म का तिलक लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है.

हवन की भस्म को कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल करने के लिए फाइल में छिड़कने से सफलता मिलती है.
अगर किसी को बुरे सपने आते हैं तो हवन की भस्म का तिलक लगाकर सोने से डरावने सपने आना बंद हो जाते हैं.
🙏🏻 अप्रैल 2025 पंचक

23 अप्रैल (बुधवार) रात 12:31 बजे से शुरू होकर 27 अप्रैल (रविवार) को सुबह 03:39 बजे तक रहेगा.

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक - 05 अप्रैल 2025*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत - 23 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि - 15 चैत्र मास*
🌤️ *मास - चैत्र*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - अष्टमी शाम 07:26 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र - पुनर्वसु 06 अप्रैल प्रातः 05:32 तक तत्पश्चात पुष्य*
🌤️ *योग - अतिगण्ड रात्रि 083 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:13 से सुबह 10:46 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 063*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:37*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- अशोकाष्टमी,दुर्गाष्टमी,भवानी प्राकट्य*
💥 *विशेष-
नवरात्रि कन्या पूजन विधि

कन्या पूजन करने से एक दिन पहले ही कन्याओं को आमंत्रित करें। अगर आप अष्टमी को कन्या पूजन कर रहे हैं तो सप्तमी तिथि को कन्याओं को आमंत्रित कर लें और अगर नवमी तिथि को कर रहे हैं तो अष्टमी तिथि को आमंत्रित करें। साथ ही पूरे घर को साफ रखें क्योंकि घर आने वाली कन्याएं मां दुर्गा का प्रतीक हैं। कन्या जब घर आ जाएं तो उनको सीधे भोजन के लिए ना बैठाएं बल्कि पहले उनके दूध या पानी पांव धोएं। इसके बाद पानी को अपने सिर पर लगाएं, फिर हल्दी व कुमकुम का टीका लगाएं। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्वच्छ आसन पर बैठाएं।


कन्या पूजन में इस बात का रखें ध्यान

कन्या पूजन में कन्याओं को हलवा चना के साथ पूड़ी, खीर, सब्जी आदि चीजें सामर्थ्य के अनुसार परोसें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि कन्याओं और लांगूरा को जबरदस्ती भोजन ना कराएं। वे जितना खाएं, उतना ही आदरपूर्वक खिलाएं। भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार देकर लाल चुनरी ओढाएं और पूरे परिवार के साथ पैर छूकर आशीर्वाद लें और माता के जयकारे लगाते हुए उनको विदा करें।
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
➡ *06 अप्रैल 2025 रविवार को सूर्योदय से 07 अप्रैल सूर्योदय तक रविपुष्यामृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* 🌷
🌳 *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *रविपुष्यामृत योग* 🌷
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 1*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞अप्रैल 2025 पंचक

23 अप्रैल (बुधवार) रात 12:31 बजे से शुरू होकर 27 अप्रैल (रविवार) को सुबह 03:39 बजे तक रहेगा.
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻