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सऊदी अरब ने ट्रेन ड्राइवर के लिए 400 महिलाओं की भर्ती किया है सऊदी अरब के किंग का कहना है कि अब देश के हर एक क्षेत्र में महिलाएं नौकरी कर सकती हैं यहां तक कि फाइटर पायलट से लेकर सेना में पुलिस में यानी हर फील्ड में महिलाओं को नौकरी दी जा रही है

और महिलाओं के लिए एक रिजर्वेशन भी लागू किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सके

इधर भारतीय उपमहाद्वीप के मौलाना कहते हैं महिलाओं को घर से बाहर मत निकलने दो वरना उनके ऊपर शैतान चढ़ जाएगा

नकली माल बहुत आवाज करता है लेकिन असली माल एकदम गंभीर होता है ठोस होता है
https://x.com/jpsin1/status/18....82685268429275357?t=

EVM पर बड़ी खबर!

भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान!

"भारत की EVM से हमारे देश का चुनाव बेहतर हुआ"

भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो सोनम टोपगे ने गुरुवार को कहा कि भारत की ओर से उपलब्ध कराई गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) से उनके देश में चुनाव प्रक्रिया में दक्षता आई है।

नई दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा आयोजित चुनाव प्रबंधन निकायों के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि EVM ने भूटान में लोगों का विश्वास जीता है।

आइये , नेताजी को नमन करें !

उनका जन्म दिन हम कृतज्ञ भारतवासियों के लिए सबसे बड़ा दिन होना चाहिए । आजादी के इस दीवाने से बढ़कर संघर्ष किसी और ने नहीं किया । उन्होंने बहुत बड़ा लक्ष्य सामने रखकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए ।

नेताजी सुभाष ने न तो व्यर्थ में प्राण गवांए न ही सत्याग्रह के रास्ते चलकर , लम्बे रास्ते तलाशे । इस जन्मजात महावीर ने सारे संसार में घूमकर देश की आजादी के लिए सेना इकट्ठी की । पूर्वोत्तर के रास्ते अंग्रेजों पर धावा भी बोल दिया ।

वह अकाल दुर्घटना न हुई होती तो देश का इतिहास दूसरा होता । सचमुच उन जैसा कोई नहीं । आजाद हिंद का स्वप्न और जयहिन्द का नारा देने वाले इस महानायक को नमन । नेताजी शब्द ही उनके नाम पर पेटेंट हो जाना चाहिए , ताकि " नेताजी " शब्द को छुटभैयों और आम राजनीतिज्ञों के साथ न जोड़ा जा सके ।

प्रणाम नेताजी , हम देशवासी आपके चरणों में नमन करते हैं ,,,

नेताजी , पत्नी एमिली और पुत्री अनिता का दुर्लभ चित्र

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*याद रखिये आपके जन्मदिन पर खुशियां मनाने वाले सैकड़ो होंगे, आपके विवाह उत्सव में शामिल होने वाले हजारों होंगे, आपके मरने के बाद भी अंतिम संस्कार में हजारों शामिल होंगे लेकिन जब आप अस्पताल में होंगे और आपके जीवनदान के लिए मात्र 2 से 4 यूनिट ब्लड की जरूरत होती है तो गैरो से मदद मांगने की नौबत आ जाती है और मानवता के नाते गैर मदद भी करतें है और अपने भाग खड़े होते है ....!*
रक्त मित्र बनिये
रक्तदान महादान

कुंभ में आना चाहते तो शाही स्नान के दिन व इसके आगे पीछे वाले दिन आने से बचो। इस दिन भयंकर भीड़ होती है। पैदल चलते-चलते हालत खराब हो जाएगी। बाकी दिन आएंगे तो सुकून रहेगा। 2 किलोमीटर ही पैदल चलना होगा। इस दो किलोमीटर में मेला, मजा और सुकून होगा।

भंडारे की कोई कमी नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि तीर्थों पर दान का पुण्य है इसलिए आप खाने से ज्यादा खिलाने पर फोकस करें। रहने को लेकर बहुत दिक्कत नहीं है। मेले में रहने के बजाय शहर में रहें। जॉनसेनगंज, अलोपीबाग, कटरा, दारागंज, एरिया में होटल ले लें। सिविल लाइंस में थोड़ा सा महंगा है। क्वॉलिटी वाली बात है।

संगम आए तो बहुत जल्दी न दिखाएं। घाट पर स्नान करें, सुकून से बैठे। फिर पीपा पुल पार करके अखाड़े की तरफ चले जाइए। सेक्टर 20 बगल ही है। खूब सारे बाबा, सन्यासी मिलेंगे। इनसे बात करिए। बहुत सारे ऐसे हैं जो बहुत पढ़े-लिखे हैं, बहुत ज्ञान की बात करते हैं।

इसके बाद रात की लाइट-वगैरह देखिए। सेक्टर एक यानी परेड ग्राउंड में गंगा पंडाल है। हर दिन बड़े-बड़े सेलीब्रिटी आते हैं, बड़ा पंडाल है तो सुकून से सीट पर बैठकर सुनिए। महसूस करिए। यहां भी सुकून मिलेगा। अकबर के किले में चले जाइए। अक्षय वट दिखेगा। पुराने समय की कलाकारी दिखेगी।

मेले में बहुत खाने-पीने की मत सोचिए। क्वॉलिटी अच्छी नहीं मिलेगी। चना-मूंगफली-लइया भुंजवा लीजिए। यही खाइए। जगह-जगह वाटर एटीएम है, 1 रुपए डालकर पानी ले लीजिए। बढ़िया पीजिए।

#kumbhmela2025

साभार....
भारतीय जनता पार्टी ने कम से कम एक दर्जन बार श्रद्धेय #वीर_सावरकर को #भारत_रत्न देने का वायदा किया है...2019 के असेम्बली चुनाव में तो पूरे चुनाव में यही मुद्दा लेकर भाजपा नेता महाराष्ट्र भ्रमण करते रहे !ऐसे लोगों को भारत रत्न और पद्मविभूषण दिए गए जिसे देखकर भाजपा और आरएसएस कैडर तक ने अपना माथा पीट लिया... मगर PM साहेब डिगे नहीं !!
एक विश्वस्तरीय क्रांतिकारी, महान विचारक- चिंतक- लेखक...काले पानी की सज़ा काटने वाले,करोड़ों लोगों के श्रद्धा के केंद्र,वीर दामोदर सावरकर को भारतरत्न पुरुस्कार देने में दस बार वायदा करने के वाबजूद... श्रद्धेय सावरकर जी को मरणोपरांत भारतरत्न क्यों नहीं जा रहा ?
आप दिल्ली के एक छुटकू से कालेज का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर करके...लोगों को संतुष्ट करने की चेष्टा में हैं...लेकिन एक विश्वस्तरीय क्रांतिकारी को भारतरत्न देने में आपकी दिलचस्पी इसलिए नहीं है,क्योकि उनका नाम मोहनदास गांधी के वधकाण्ड में घसीटा गया था !चूंकि कथित सेकुलर मानसिकता वालों को वीर सावरकर से समस्या हैं... इसलिए दस वर्ष तक सत्ता में रहने के वाबजूद श्रद्धेय सावरकर को भारतरत्न नहीं दिया गया है...
26 जनवरी की पूर्वसंध्या पर, आशा है,स्व मनमोहन सिंह को मरणोपरांत भारतरत्न देने की घोषणा होना संभव है !जिस देश मे अपराधियों से लेकर जीवित अभिनेताओं तक के नाम पर स्कूल कालेजों के नाम रखे जाते हैं.... वहां एक कॉलेज का नाम श्रद्धेय वीर सावरकर के नाम पर रखकर...एक देशभक्त प्रचण्ड क्रांतिकारी का अपमान ही हुआ है...सावरकर जी का दोष बस इतना है कि वह हिन्दूत्व के विचार को धरातल पर उतारने के लिए जाने जाते हैं....

जयहिंदुराष्ट्र !!
अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,9451221253

#copypaste

Prajith S changed his profile picture
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Mannu singh singh changed his profile picture
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इंसान ने जिस भी सुंदर और अनोखी चीज को देखा,उसने चाहा कि वो उसकी हो जाए.उसने जंगल में दौड़ते घोड़े देखे तो उन्हें पकड़ लिया,उनके नाक में रस्सी डाल के उन्हें गुलाम बना लिया,उसने जंगल में भेड़ियों से लड़ते कुत्ते देखे तो भेड़ियों से अपनी रक्षा के लिए कुत्ता पाल लिया.उसने सुंदर तितलियां देखीं,रंग बिरंगे पक्षी देखे,पानी में तैरता कछुआ देखा,पेड़ देखे,मिट्टी देखी,धरती में गड़ा सोना देखा और उसने हर चीज को अपने लिए उपयोगी बना लिया.प्रकृति ने जो कुछ भी जीवन और उसके संतुलन के लिए बनाया इंसान ने उसे खुद का विरासत समझा और उसपर कब्जा कर लिया.हर वो चीज जो स्वतंत्र होनी चाहिए थी,इंसान की हो गई.इसका दीर्घकालिक असर हुआ,इंसान ये भूल गए कि उन्हें सिर्फ सर्वाइव नहीं करना था,उन्हें इंवॉल्व होना था,विकसित होना था.दो पैर,दो हाथ लिए धरती पर जन्मा इंसान लाखों सालों से वैसा ही रह गया,इसके विपरीत कुछ जानवर,पेड़ पौधे इंवॉल्व होते गए,खुद को आने वाले समय के हिसाब से बदलते गए.नतीजा ये कि कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा,कोई बड़ा पारिस्थितिकीय बदलाव इंसान सह नहीं सकता.वो पानी में नहीं रह सकता,हवा में नहीं उड़ सकता,बिना खाए पिए ज्यादा दिन जिंदा नहीं सकता.इंसान एक मात्र ऐसी प्रजाति है जो वक्त के साथ और कमजोर होती गई है,कारण सिर्फ दो अतिनिर्भरता और सर्वाइवल स्किल की कमी.हमें अब भी सीखना चाहिए,सम्हलना चाहिए वर्ना ये प्रजाति प्रकृति के किसी काम नहीं रहेगी और उसके द्वारा ही मिटा दी जाएगी.....!!

स्कन्द पाण्डेय

आदरणीय Skand Pandey जी के पटल से साभार #copy-paste

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