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#मेडिकल_किडनैपिंग क्या होती है
अभिनव वर्मा की माँ ,जो सिर्फ 50 बरस की थीं , पेट में दर्द उठा ,नज़दीक ही फोर्टिस अस्पताल बनेरघट्टा, बंगलौर है ! डा कनिराज ने माँ को देखा और अल्ट्रा साउंड कराने को कहा ! फोर्टिस में ही अल्ट्रा साउंड हुआ और डा कनिराज ने बताया कि गाल ब्लैडर में पथरी है ! एक छोटा सा ऑपरेशन होगा,माँ स्वस्थ हो जाएंगी ! अभिनव माँ को घर लेकर आ गए और पेन-किलर के उपयोग से दर्द खत्म भी हो गया !!
कुछ दिन बाद अभिनव वर्मा को फोर्टिस से फोन कर डा कनिराज ने हिदायत दी कि यूँ पथरी का गाल ब्लैडर में रहना खतरनाक होगा,अतः अभिनव को अपनी माँ का ऑपरेशन तुरंत करा लेना ज़रूरी है ! अभिनव जब अपनी माँ को फोर्टिस बंगलौर लेकर पहुचे तो एक दूसरे डॉक्टर मो शब्बीर अहमद ने अटेंड किया ,जो एंडोस्कोपी के एक्सपर्ट थे,उन्होंने बताया कि एहतियात के लिए ERCP करा ली जाय , डा अहमद को पैंक्रियास कैंसर का .05 % शक था ! अभिनव मजबूर थे, डॉक्टर भगवान होता है, झूठ तो नहीं बोलेगा, सो पैंक्रियास और गाल ब्लैडर की बायोप्सी की गई !! रिपोर्ट नेगेटिव आई मगर बॉयोप्सी और एंडोस्कोपी की प्रक्रिया के बाद माँ को भयंकर दर्द शुरू हो गया ! गाल ब्लैडर के ऑपरेशन को छोड़, माँ को पेट दर्द और इंटर्नल ब्लीडिंग के शक में ICU में पंहुचा दिया गया ! आगे पढ़ने के लिए धैर्य और मज़बूत दिल चाहिए !!
जब अभिनव की माँ अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो लिवर,हार्ट,किडनी और सारे ब्लड रिपोर्ट पूरी तरह नार्मल थे ! डॉक्टरों ने बताना शुरू किया कि अब लिवर अफेक्टेड हो गया है, फिर किडनी के लिए कह दिया गया कि डायलिसिस होगा ! एक दिन कहा अब बीपी बहुत 'लो' जा रहा है तो पेस मेकर लगाना पड़ेगा, पेस मेकर लग गया मगर हालात बद से बदतर हो गए ! पेट का दर्द भी बढ़ता जा रहा था और शरीर के अंग एक-एक कर साथ छोड़ रहे थे ! अब तक अभिनव की माँ को फोर्टिस ICU में एक माह से ऊपर हो चुका था !
एक दिन डॉक्टर ने कहा कि बॉडी में शरीर के ऑक्सीजन सप्लाई में कुछ गड़बड़ हो गई अतः ऑपरेशन करना होगा ! ऑपरेशन टेबल पर लिटाने के बाद डॉक्टर, ऑपरेशन थिएटर के बाहर निकल कर तुरंत कई लाख की रकम जमा कराने को कहता है और उसके बाद ही ऑपरेशन करने की बात करता है ! अभिनव तुरंत दौड़ता है और अपने रिश्तेदारों ,मित्रों के सामने गिड़गिड़ाता है,रकम उसी दिन इकट्ठी कर फोर्टिस में जमा कराई गई,पैसे जमा होने के बाद भी डॉक्टर ऑपरेशन कैंसिल कर देते हैं !
हालात क्यों बिगड़ रहे हैं, इंफेक्शन क्यों होते जा रहे थे, डॉक्टर अभिनव को कुछ नहीं बताते ! सिर्फ दवा, ड्रिप, खून की बोतलें और माँ की बेहोशी में अभिनव स्वयं आर्थिक और मॉनसिक रूप से टूट चुका था ! डॉक्टरों को जब अभिनव से पैसा जमा कराना होता था तब ही वह अभिनव से बात करते थे !
माँ बेहोशी में कराहती थी ! अभिनव माँ को देख कर रोता था कि इस माँ को कभी -कभी हलके पेट दर्द के अलावा कोई तकलीफ न थी ! उसकी हॅसमुख और खूबसूरत माँ को फोर्टिस की नज़र लग गई थी ! 50 दिन ICU में रहने के बाद दर्द में कराहते हुए मां ने दुनिया से विदा ले ली ! खर्चा-अस्पताल का बिल रु 43 लाख ,दवाइयों का बिल 12 लाख और 50 यूनिट खून ! अभिनव की माँ की देह को शवग्रह में रखवा दिया गया और अभिनव को शेष भुगतान जमा कराने के लिए कहा गया और शव के इर्द गिर्द बाउंसर्स लगा दिए गए ! अभिनव ने सिर्फ एक छोटी सी शर्त रखी कि मेरी माँ की सारी रिपोर्ट्स और माँ के शरीर की जांच एक स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम द्वारा कराइ जाए ! फोर्टिस ने बमुश्किल अनुमति दी !!!
रिपोर्ट आई ............... अभिनव वर्मा की माँ के गाल ब्लैडर में कभी कोई पथरी नहीं थी ..............!!
अपने आसपास ऐसे कही डॉक्टर्स और हॉस्पिटल है जो इस तरह की मेडिकल किडनैपिंग में लिप्त है कृपया सावधान रहे।
शबरी का अनोखा भक्ति-प्रसंग
सभी को रामायण में शबरी के जूठे बेर खिलाने की कथा तो पता है, पर क्या आप जानते हैं कि शबरी ने राम को एक गुप्त संदेश भी दिया था? जब राम शबरी के आश्रम पहुँचे, तो शबरी ने न केवल बेर खिलाए, बल्कि अपनी तपस्या से प्राप्त दिव्य दृष्टि से राम को बताया कि सुग्रीव की मित्रता और हनुमान का साथ ही उनकी विजय का मार्ग बनेगा। यह संदेश सुनकर राम मुस्कुराए, क्योंकि वे जानते थे कि शबरी का यह ज्ञान केवल भक्ति से नहीं, बल्कि वेदों के गहन अध्ययन से आया था। शबरी कोई साधारण भक्त नहीं, बल्कि एक तपस्विनी विदुषी थीं, जिन्हें राम ने सम्मान दिया। यह कथा हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति में ज्ञान और समर्पण का अद्भुत संगम होता है। हैरान हुए न? इसे शेयर करें और राम की महिमा फैलाएँ!
राम का रण-हुंकार
रण में खड़ा रघुवर वीर, तीर कमान संभाले,
रावण की सेना काँप उठी, जब प्रभु ने हुंकार लगाए।
चंडी-सा चेहरा, अग्नि-सी आँखें, काल बन आए राम,
धरती डोली, आकाश थर्राया, विजय बना उनका नाम।
#haapyshreeramnavami
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 06 अप्रैल 2025*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2082 गुजरात अनुसार 2081*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत - 24 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि - 16 चैत्र मास*
🌤️ *मास - चैत्र*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - नवमी शाम 07:22 तक तत्पश्चात दशमी*
🌤️ *नक्षत्र - पुष्य 07अप्रैल सुबह 06:25 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
🌤️ *योग - सुकर्मा शाम 06:55 तक तत्पश्चात धृति*
🌤️ *राहुकाल - शाम 051 से शाम 06:35 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 061*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:38*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- श्रीराम नवमी चैत्री-वासंती नवरात्र समाप्त,रविपुष्य योग (सूर्योदय से 07 अप्रैल सूर्योदय तक)*
💥 *विशेष- नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.9*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं ।इससे वैभव व यश मिलता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*
*चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।*
👉🏻 समाप्त...
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *धर्मराज दशमी* 🌷
🙏🏻 *विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी .....जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता | ) यानी 07 अप्रैल 2025 सोमवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दे |*
🙏🏻 *एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है | आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–*
💥 *[ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले | ]*
🌷 *ॐ यमाय नम
🌷 *ॐ धर्मराजाय नम
🌷 *ॐ मृत्यवे नम
🌷 *ॐ अन्तकाय नम
🌷 *ॐ कालाय नम
🔥 *ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है |
हवन की राख, जिसे भस्म या विभूति भी कहा जाता है, के कई उपाय हैं जो धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि ला सकते हैं.
हवन की भस्म:
धन और समृद्धि के लिए:
हवन की भस्म को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन में वृद्धि होती है.
भस्म को घर के विभिन्न कोनों में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
भस्म को नहाने के पानी में मिलाकर नहाने से धन संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं.
नजरदोष से बचाव के लिए:
हवन की भस्म का तिलक लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है.
हवन की भस्म को कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल करने के लिए फाइल में छिड़कने से सफलता मिलती है.
अगर किसी को बुरे सपने आते हैं तो हवन की भस्म का तिलक लगाकर सोने से डरावने सपने आना बंद हो जाते हैं.
🙏🏻 अप्रैल 2025 पंचक
23 अप्रैल (बुधवार) रात 12:31 बजे से शुरू होकर 27 अप्रैल (रविवार) को सुबह 03:39 बजे तक रहेगा.
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 05 अप्रैल 2025*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत - 23 गते चैत्र मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि - 15 चैत्र मास*
🌤️ *मास - चैत्र*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - अष्टमी शाम 07:26 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र - पुनर्वसु 06 अप्रैल प्रातः 05:32 तक तत्पश्चात पुष्य*
🌤️ *योग - अतिगण्ड रात्रि 083 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:13 से सुबह 10:46 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 063*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:37*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- अशोकाष्टमी,दुर्गाष्टमी,भवानी प्राकट्य*
💥 *विशेष-
नवरात्रि कन्या पूजन विधि
कन्या पूजन करने से एक दिन पहले ही कन्याओं को आमंत्रित करें। अगर आप अष्टमी को कन्या पूजन कर रहे हैं तो सप्तमी तिथि को कन्याओं को आमंत्रित कर लें और अगर नवमी तिथि को कर रहे हैं तो अष्टमी तिथि को आमंत्रित करें। साथ ही पूरे घर को साफ रखें क्योंकि घर आने वाली कन्याएं मां दुर्गा का प्रतीक हैं। कन्या जब घर आ जाएं तो उनको सीधे भोजन के लिए ना बैठाएं बल्कि पहले उनके दूध या पानी पांव धोएं। इसके बाद पानी को अपने सिर पर लगाएं, फिर हल्दी व कुमकुम का टीका लगाएं। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्वच्छ आसन पर बैठाएं।
कन्या पूजन में इस बात का रखें ध्यान
कन्या पूजन में कन्याओं को हलवा चना के साथ पूड़ी, खीर, सब्जी आदि चीजें सामर्थ्य के अनुसार परोसें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि कन्याओं और लांगूरा को जबरदस्ती भोजन ना कराएं। वे जितना खाएं, उतना ही आदरपूर्वक खिलाएं। भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार देकर लाल चुनरी ओढाएं और पूरे परिवार के साथ पैर छूकर आशीर्वाद लें और माता के जयकारे लगाते हुए उनको विदा करें।
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
➡ *06 अप्रैल 2025 रविवार को सूर्योदय से 07 अप्रैल सूर्योदय तक रविपुष्यामृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* 🌷
🌳 *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *रविपुष्यामृत योग* 🌷
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 1*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞अप्रैल 2025 पंचक
23 अप्रैल (बुधवार) रात 12:31 बजे से शुरू होकर 27 अप्रैल (रविवार) को सुबह 03:39 बजे तक रहेगा.
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
प्रिय तुम रामचरितमानस अवश्य पढ़ना।।...
जीवन के अनुबंधों की,
तिलांजलि संबंधों की,
टूटे मन के तारो की,
फिर से नई कड़ी गढ़ना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
बेटी का धर्म निभाने को,
पत्नी का मर्म सिखाने को,
भाई का प्रेम बताने को,
हर चौपाई दोहा सुनना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
लक्ष्मण से सेवा त्याग सीखना,
श्री भरत से राज विराग सीखना,
प्रभु का सबसे अनुराग सीखना,
फिर माता सीता को गुनना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
केवट की भक्ति भरी गगरी,
फल मीठे बेर लिए शबरी,
है धन्य अयोध्या की नगरी,
अवसादों में जब घिरना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
न्याय नीति पर राम अड़े,
संग सखा वीर हनुमान खड़े,
पशु-पक्षी तक हैं युद्ध लड़े,
धन्य हुआ उनका तरना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
जो राम नाम रघुराई है,
जीवन की मूल दवाई है,
हर महामंत्र चौपाई है,
सियाराम नाम जपते रहना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
जगती में मूल तत्व क्या है?
राम नाम का महत्व क्या है?
संघर्ष में राम रामत्व क्या है?
संकट में जब तुम फंसना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
हर समाधान मिल जाता है,
कोई प्रश्न ठहर नहीं पाता है,
बस राम ही राम सुहाता है
श्री राम है वाणी का गहना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
राम राम रहेगी \ud83d\ude4f
May your Holi be more colorful than your laundry after! 😉 Happy Holi everyone! #holihumor #colorchaos #happyholi
*मुस्लिमों की जातियाँ कितनी होती हैं आज देख लो*
*खोज के लाये है आप के लिए*
इस्लाम में कितनी जातिया
अक्सर हिन्दुओ में ढेर सारी जातियों का आरोप लगाते है मुसलमान पर हमने जब स्वाध्याय किया तो इस इस्लामी जातियों की लंबी फेहरिस्त (सूची) निकली।
आइये एक नज़र डालें...
1-महकमिय्या
2-अजराकिया
3- आयुजि
4-नजरात
5-असफरिया
6-अबाजिया
7-अहसाम्य्या
8-बहशिस्यह
9-नागलियाह
10-अजजदह
11-अख्वास्या
12-शैबानीयह्ह्
13-मकराम्या
14-वासलिय्या
15- हज़ेलिया
16-नजामिया
17-अस्वारिया
18-अस्काफिया
19-मज्वारिया
20-बशरिया
21-अस्मरिया
22-हसामिया
23-साल्जियह
24 हाबतिया
25-मुकमरिया
26-समामिया
27-जाख्तिया
28-हरीबा
29-जाफरिया
30-बहशमिया
31-जबानिया
32-कबेया
33-ख्यातेया
34-गरसानिया
35-सोबानिया
36-सोबेया
37-अहदया
38-बर्गोसिया
39-नाफेरानिया
40-ब्यानिया
41-मुगिरिया
42-कामलिया
43-मंसूरिया
44-खताबिया 45-अजआबिया
46-जमिया
47-मुस्तदरिकिया
48-मुजसामिया 49-करामिया
50-जाहिमिया
51-हनफिया
52-मालकिय्या
53-शाफ्या
54-हम्बिलिया
55-सूफिया
56-दावड़िया
57-सबाइया 58-मफज़जलिया 59-जारिया
60-इशहकिया
61-शेतानिया
62-मफुजिया
63-कसानिया
64-रजानिया 65-इस्माइल्लिया
66-नासिरिया
67-जैदिया
68-नारुसिया
69-अहफटया 70-वाकफीफीया
71-गलात
72-हशविया
73-उल्वेया
74-अबड़िया
75-शमसिया
76-अब्बासिया
77-इमामिया
78-नावस्या
79-तनासुख्या
80-मूर्तजिया
81-राजइय्या
82-खलिफिया
83-कंजिया
84-हज़तरिया 85-मोतजलिया
86-मैमुनिया
87-अफालिया
88-माबिया
89-तारक्या
90-नजमैमुनिया
91-हज़तिया
92-कंदरिया
93-अहरिया
94-वहमिय्या
95-मोटलिया
96-मुतरआ बसिया 97-मुतरफिया 98-मखलुखिया 99-मुतराफिया
100-वबरिया
101-मजिया
102-शाबाइया 103-अमालिया 104-मुस्तसिया
105-मुशबह्य्या 106-सालमिया 107-कास्मिया 108-कनामिया 109-खारिजया
110-तर्किया
111-हज़ीमिया
112-दहरिया
113-साआल्बिया 114-वहाबिया
115-नसारिया
116-मझुलिया
117-सलया
118-अख़बसया
119-बहसिया
120-समराख्या
121-अतबिया
122-गालिया
123-कतएया
124-कुर्बिया
125-मुहमदीया
126-हसनिया 127-क़राबतइया 128-मुबारिकिया 129-श्मतिया
130-अमारिया
131-मख्तुरिया
132-मोसुमिया
133-नानेया
134-तयारिया
135-यतरायह
136-सैरफिया
137-सरीइयह
138-जारुदिया 139-सुलेमनिया 140-तबारिया
141-नइमया
142-याक़ूबिया
143-शमरिया
144-युनानिया
145-बखारिया
146-गेलिन्या
147-शाएबिया 148-समहाज़िया 149-मरसिया
150-हासमिया
151-खरारिया
152-क्लाबिया
153-हालिया
154-बाटनिया
155-अबाजिया
156-ब्राह्मिया 157-अशअरिया 158-सोफ्सतैया 159-फिलसफिया 160-समिनिया
161-मशाईन
162-अश्राकिन 163-अजुसियह
164-उम्बिया
165-वजीदीया 166-अलीळालाहिया
167-सादकिया 168-फुरकानिया 169-फरुकिया
170-शेखिय्या
171-शम्ससया
172-सम्मिस्या
173-फरकिया 174-नक़्शबंदिया 175-कादरिया
176-नेचीरिया
177-मिजाइय्या 178-आगखानिया
179-शहर बदीया 180-चिश्तिया
181-क्रानिया
182-नजदीया
183-बाबिया
184-मवाहदीया वहाबी 185-राफजिया
186-नजिया
187-जस्तीया
188-इबारिया
189-जबरिया
190-टबरिया
191-सल्फिया
192-अकलिया
193-सफत्या
194-तकलिया 195-मुट्सफिया 196-हमाओसत 197-शमाफिया 198-हफ्तइमामिया
199-हश्तइमामिया
200-अशन अशारिया
201-अखबारिय्यिन 202-मुतकल्लमिन 203-मुत्सररइन 204-रोशनियां 205-कोकबिया 206-तबकुमिया 207-अर्शेआसेयानी 208-तातिलिया
209 अन्सारिया 210-रखबिया
211-रहमानिया
212-रुहानिया
213-अन्नजिया
214-हबिबिया
215-अजिया
216-हबिरिया
217-सक्तिया
218-जनिदिया
219-जबिया 220-आरहिमिया 221-क्लद्रिया 222-फिरडोमिया 223-मदारिया
224-रजजिया 225-सफाइय्या 226-खाकिया
227-वादिया
228-तशनिया
229-आविया
230-तैकुरिया
231-दवाया
232-शैतारिया 233-तबकानिया
234-सय्यद जमालुद्दीन 235-मतबरिया 236-आर्गुनिया 237-आल्याया 238-गजिरुनिया 239-जाहडिया
240-तोबिया
241-कजिया
242-तशिरिया 243-हलालिया
244-नूरिया
245-एदुसिया
246-यस्विया
247-रफइय्या
248-मोइन्या 249-शकरगजिया 250-महबुने इलहिया 251-महमुदिया 252-फखरुदिनिया
253-नुरे मुहामादिया 254-वुनसुया 255-अल्लाहबक्षिया 256-हाफजिया 257-खिजरुया 258-कर्मनिया 259-करिमियऑ 260-जलिलिया 261-जमालिया 262-कुडिसिया 263-साबरिया 264-मखदुमिया 265-हज़रूमिया 266-निजामिया 267-अबूलअलैया 268-हसमिया चितस्या 269-निजमहिरिया
270-बखारिया 271-हमजआशाही 272-फखरिया 273-नायजिया
274-जायइया
275-फक्रिया फरीदइया 276-शमशिया सुलमानिया 277-फखरिया सुलमानिया 278-सुदुशाही 279-रजाकिया 280-वहाविया
281-नोशाही 282-शय्येदशाही 283-हुस्सैनशाही
284-कबिसिया 285-मुहम्मदशाही
286-बहलोलशाही 287-हासशाही 288-सुदुशाही 289-मुकियशाही 290-महुवदशाही 291-कासिमशाही 292-नंतुल्लाहशाही 293-मिरशाही 294-सुफियाहमीडिया 295-कंमसिय्या 296-दोलशाही 297-रसुलशाही 298-सुहागशाही 299-सफबीय्या 300-लालशाही 301-बाजिया
302-बुखारिया 303-कर्मजहलि 304-हबिबशाही 305-मूर्तज़शाही 306-अब्दुलकरिमि
307-इस्मैलशाही 308-हलिमशाही 309-रुजाकशाही 310-मिजाकशाही 311-संगरिया
312-अय्याजिया 313-नासिरिया
पंडित सत्यदेव काशी की पुस्तक इस्लाम के 313 फिरके पृष्ट 8-10 से साभार उद्धरित l
एक मौलाना से बातचीत
मौलाना साहब जन्नत में कौन जायेंगे?
मौलाना- मुसलमान
जी कौन मुसलमान? शिया या सुन्नी?
मौलाना- बेशक सुन्नी जनाब .
जी सुन्नी में कौन? मुकल्लिद या गैर-मुकल्लिद?
मौलाना- मुकल्लिद और कौन.
जी मुकल्लिद में तो चार हैं उनमें से ?
मौलाना- हनफी और कौन ?
जी, पर हनफी में तो देबबंदी और बरेलवी दोनों हैं फिर उनमें..
मौलाना- देबबंदी
बहुत शुक्रिया, पर देबबंदी में भी तो हयाती और ममाती दोनों हैं, उनमें से कौन??
इसके बाद मौलाना गायब हो गए वो दोबारा दिखे ही नहीं।
*जिसकी जाती की कोई जानकारी नहीं और जाति जनगणना कराना चाहता है.... उसके पास पहुंच जाए ऐसा उपाय अवश्य करना?*