#copy-paste
अमरीका में 21 दिन से काउंटिंग चल रही है।
वोट ज्यादा नही हैं।
कहीं कहीं तो 3 लाख वोट ही हैं।
लेकिन गिनती हो रही है बैलेट से।
तो हो ये रहा है कि गिनती शुरू हुई।
फिर जैसे देखा कि इस बैलेट में मोहर ठीक से नही है तो उसे साइड कर दिया। फिर देखा कि ऐसा करते करते करते 3 लाख गिनती पूरी हो गयी लेकिन जीत तो रिपब्लिकन गया।
तो फिर से गिनती हो रही।
अब फिर देखा जा रहा कि जिन बैलेट को साइड किया उनमे से कितने वैलिड माने जा सकते हैं।
फिर जितने माने गए, उन्हें भी गिनती में शामिल कर दिया।
लेकिन इसके बाद भी रिपब्लिकन जीत गया।
तो फिर गिनती हो रही कि जिस जिस को वापिस वैलिड मान लिया गया था, उसमें से किन्हें वापिस इनवैलिड मानना है या जिन्हें अभी तक नही माना था क्या उनमे तो कुछ ऐसे नही जो पहले वैलिड मान लिए गए थे लेकिन इनवैलिड माने जाने चाहिए।
इस तरह 21 दिन से गिनती चल रही है।
और एक जगह इस तरह आखिरकार 21 वोट इनवैलिड मान लिए गए और फाइनली 14 वोट से डेमोक्रेट्स जीत गया।
यही 2020 में चल रहा था जब मार्जन 51-49 का था। तब भी ट्रम्प जीत रहा था लेकिन इसे अपने पक्ष में 51-49 कर दिया।
लेकिन इस बार ट्रम्प के पक्ष में 60-40 हो रखा था तो कितना घपला कर पाते। तो जहां जहां अब इस तरह से कुछ सीटें हाउस में बढ़ा सकते हैं तो उसपर काम चल रहा है।
लेकिन इससे हमें क्या करना?
तो हमें इससे ये करना है कि इधर भी कुछ को EVM नही चाहिए।
उन्हें बैलेट चाहिए। उन्हें भी रिगिंग करनी है। फिर वो बूथ कैप्चरिंग से हो या इस तरह वैलिड-इनवैलिड खेलकर, उन्हें भी अपनी सत्ता चाहिए।
ज्यादा होगा तो बक्शा ही जला देंगे या उसमें स्याही डाल देंगे या आग लगा देंगे जो EVM में नही हो पाता।
क्योंकि इतना तो पता रहता ही है कि कौन सा बूथ किसका स्ट्रांग होल्ड है।
इसी वजह से तो इनका सबसे बड़ा बहाना है कि अमरीका तो इतना एडवांस है और वहां EVM से चुनाव नही होता।
हालांकि ये झूठ है क्योंकि कुछ राज्य में होता है लेकिन वो EVM हमारी जैसी नही होती बल्कि सॉफ्टवेयर वाली होती हैं जिन्हें हैक किया जा सकता है, जिसपर ही मस्क कहता है कि इन्हें बैन करो।
आपको EVM ऐसी नही है इसलिए आज तक कोई मम्मा का सन, उसे हैक न कर पाया और न उस चेलेंज में प्रतिभाग किया जब EC ने कहा था कि आओ और इसे हैक करकर दिखाओ।
इसलिए फर्जी आरोपो से विश्वसनीयता पर सवाल उठा सरकार विरोधी माहौल बनाया जा रहा है क्योंकि ये भी एक सफल फार्मूला है।
ऐसा ही माहौल हसीना के खिलाफ बना था कि वो धांधली कर चुंत्व जीतती है और फिर अगले स्टेप में कहा गया कि चुनाव का बहिष्कार।
लेकिन फिर भी उसकी ही सरकार बनी तो दूसरी तरफ तानाशाही का आरोप उसपर लगता गया।
बाद में कोर्ट के आदेश का बहाना बनाकर कथित छात्र आंदोलन हुआ जो अमरीका ने रचा था और फिर क्या हुआ और आज भी क्या हो रहा है, आप देख रहे हैं।
इसलिए ये आपका काम है कि यदि कोई आपके सामने कहे कि भाजपा EVM से जीत रही है तो उसे पूछो कि तुझे किसने बताया?
और साथ ही उसे बताओ कि इस तरह कुछ नही होता।
कुछ बातें समझाने हेतु मैने लिखी हैं, कुछ आप भी जानते हैं तो सबका दायित्व है कि जनता के मन मे किसी भी तरह से ये बात घर नही करनी चाहिए, वरना केरोसीन-माचिस वाले घूम ही रहे हैं।
और ये बात न कह देना कि सरकार ऐसे नेताओं को अंदर डाल दे क्योंकि ये उल्टा भी पड़ जाता है कि देखो जो कह रहा था कि चुनाव में धांधली होती है, उसका ही मुंह बंद करा दिया गया।
इसलिए इसकी हम सबको ही काट करनी है और हम वो गलती नही कर सकते जो अवामी लीग के समर्थकों ने करी कि इसे हंसी में उड़ा दिया या दूसरे को बस ट्रोल करते रहे गए।
विशाल