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यह तो अति हो गई खड़गे साहब ? आपने योगी आदित्यनाथ की तुलना आतंकवाद से कर दी ? मतलब प्रकारांतर से भगवा को कहा क्या ? अपने भगवा और योगी के मुंडे हुए सिर पर भी टिप्पणी कर दी ? क्या जरूरत थी इस सब की ? वह तो आपके सिपहसालार दिग्विजय सिंह बरसों पहले भगवा आतंकवाद का ढिंढोरा पीट चुके हैं ।

यह और बात है कि जब कोई प्रमाण नहीं मिला तो दिग्विजय का बयान खुद अपनी ही मौत मर गया । योगी आदित्यनाथ एक संत जरूर हैं , एक बहुत बड़ी गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं , लेकिन कोई संत राजनीति में नहीं आएगा , ऐसा कोई विधान नहीं है । आपकी सरकार 60 वर्ष सत्ता में रही खड़गे साहब , ऐसा कोई कानून आपकी पार्टी ने भी नहीं बनाया ।

कांग्रेस की सर्वोपरि नेता इंदिरा जी के मां आनंदमयी , धीरेन्द्र ब्रह्मचारी , शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती आदि से कितने गहरे संबंध थे , पता है न आपको ? राजनीति का धर्म से कोई बैर नहीं है । धर्म और अध्यात्म तो प्राचीनकाल से राजनीति को दिशा देते आए हैं । यूं भी हम और आप संसार के सबसे प्राचीन देश भारतवर्ष में रहते हैं । चूंकि आप संस्कृति के गढ़ दक्षिण भारत से आते हैं अतः यहां का सांस्कृतिक वैभव आपको भली भांति पता है ।

खड़गे साहब जरा पड़ौसी बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा भी देख लीजिए ? हिन्दू औरतों को किस तरह भीड़ के बीच नंगा किया जा रहा है , दर्जनों लोग उन्हें सरे आम नोच रहे हैं , देखा आपने या दिखाई नहीं दिया ? बताइए , वे बांग्लादेशी हिन्दू तो बंटे भी नहीं और बिन बंटे ही कट रहे हैं । आपके आका खड़गे साहब आपके आका , हिंदुओं को जाति जाति में बांटने का षडयंत्र कर रहे हैं । 82 वर्ष की उम्र हो जाने के बावजूद आप हिंदुओं को बांटने की वकालत कर रहे हैं ?

तो योगी ने उन हिंदुओं से यही तो कहा है कि बंटोगे तो कटोगे ? साथ में यह भी कहा है कि एक रहोगे तो नेक रहोगे । अरे जनाब आप को हिंदुओं की रत्ती भर परवाह नहीं तो कोई बात नहीं । हो भी कैसे , आधे हिन्दू तो आपके और सेक्युलर पार्टियों के साथ ही हैं न ! फिर क्या गम ? आप जानते भी हैं कि हिन्दू कभी एक नहीं होंगे और आपकी बस्तियां बसती रहेंगी । और हां जनाबे आली , हिन्दू कभी सचमुच एक हो गए तो आपकी बंसरी फट जाएगी और आपके आका म्याऊं म्याऊं करते फिरेंगे ।

तो बुजुर्गवार आदरणीय योगी को और उनके भगवे को आतंकवादी मत कहिए । उन पर पार पाना आपके बस में नहीं । पर एक बात जरूर है खड़गे साहब ! अभी तक आप शाह मोदी तक सीमित रहे जिनका कद आपके समकक्ष है । अब आप एक मुख्यमंत्री पर आए हैं । यक़ीनन कल हेमंता बिस्व सरमा पर आएंगे । क्या जरूरत है इस उम्र में इतनी मशक्कत की ? आराम की उम्र है बुजुर्गवार आराम कीजिए । योगी और हेमंता पर आएंगे तो मुश्किल होगी ?