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Anonim
24 di

साभार.....
चूंकि सैफ को भी भारत और भारतीयों से डर लगता है...इसलिए उनका 'हमलावर'...भी बांग्लादेशी ही रक्खा अल्लाह ने....
मूलतः सैफ की छवि एक लफंगे की रही है, कम से कम दर्जन भर लोगों की पिटाई कर चुके हैं,जनाब ए आली ! जिसमे फ़िल्म डायरेक्टर, अखबार के संपादक, रिपोर्टर , एक कवि, एक LGBT एक्टिविस्ट ,NRI और एक महिला भी शामिल हैं... जनाब एक बार लखनऊ हवाई अड्डे के VIP लाउंज में ज़बरदस्ती घुस गए... हवाई अड्डे के अधिकारियों से बदसलूकी कर दी !! शार्ट टेम्पर्ड इतने हैं छोटे नवाब कि शोर मचाने से रोकने पर एक रेस्टोरेंट में एक NRI परिवार को पीट देते हैं... FIR होती है, मगर बच निकलते हैं...
चरित्र तो इतना शानदार है कि पूछिये ही मत ! फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी माताजी के कद का फायदा उठाकर नामी डाइरेक्टरों से मौका प्राप्त किया.. जनाब जूनियर महिला आर्टिस्टों पर मुसलसल कृपा बना कर रखते थे... उम्र की रेंज बहुत लंबी थी ! तीन साल तक एक इटालियन मॉडल के साथ लिव इन मे रहे,जनाब... , जब वोह छोड़ गई तो सीने में दर्द का रट्टा लेकर अस्पताल में भर्ती हो गए... ओमकारा की शूटिंग के दौरान करीना को रो रो कर... प्रभावित कर लिया, एक चर्च में करीना को ले गए जनाब, घुटने के बल बैठकर प्रोपोज़ कर दिया... उस वक्त करीना इंडस्ट्री की सबसे बड़ी और महंगी हीरोइन थीं... करीना से शादी के बाद गिरबी रक्खा हुआ पटौदी हाउस छुड़ा लिया... 'छोटे नवाब' ने...
जब मुम्बई में स्थायी रूप से कदम रखा तो हिंदुओं पर आरोप लगा दिया कि मुझे मुस्लिम होने के कारण कोई मकान किराये पर नहीं देता,जबकि हिन्दू के मकान में ही जमे हुए थे और हिंदू पत्नी भी उस वक्त मेंटेन कर रहे थे...दोस्तनियाँ भी उस वक्त हिंदू ही थीं ! महेश भट्ट के साथ मिलकर उपरोक्त विषय पर वाकायदा प्रेसकांफ्रेन्स कर डाली गई ! मने हिंदुओं से ज़ाती नफरत है भाईजान को मगर मौज भी हिंदुओं से ही लेनी है...
तैमूर एक दुर्दांत हत्यारा था, 2 करोड़ काफिरों के खून से हाथ रंगे थे उसके... जहाँगीर भी एक निहायत चरित्रहीन ,नशेड़ी और काफिरों का काल था, गुरु तेगबहादुर का हत्यारा था... दोनो बेटों का नाम तैमूर और जहाँगीर रक्खा है... सैफ ने और उसकी बीबी ने
2010 में पद्मश्री मिल जाता है क्यों ? लफंगई के लिए ? मार पीट के लिए ? काला हिरन वाले मामले में यह जनाब भी थे,खूब कोर्ट के चक्कर भी लगाए... मगर बच निकले !! पेशवाओं के गौरवशाली इतिहास को संदिग्ध बताते हैं,जनाब !
भारतीय मीडिया इतना निकम्मा और अनपढ़ है कि खलनायक को नायक बना कर पेश करता रहा है... बस खलनायक विदेशी मूल का हो..अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,9451221253